Saturday 5 May 2018

आग सीने मेँ है तुम तपन देखते हो।
वो खाली दिल तुम बदन देखते हो।
क्यूँ परेशां हैँ मेरी आंखेँ दीदार को,
हर्फ तौले हुए हैँ और तुम वज़न देखेते हो....

No comments:

Post a Comment

आग सीने मेँ है तुम तपन देखते हो। वो खाली दिल तुम बदन देखते हो। क्यूँ परेशां हैँ मेरी आंखेँ दीदार को, हर्फ तौले हुए हैँ और तुम वज़न देखेते...